दो चूहे थे - हिंदी कविता
दो चूहों और एक बिल्ली के बीच मज़ेदार बातचीत पर आधारित बच्चों के लिए प्यारी कविता।
दो चूहों और एक बिल्ली के बीच मज़ेदार बातचीत पर आधारित बच्चों के लिए प्यारी कविता।
दो चूहे थे,
मोटे-मोटे थे,
छोटे-छोटे थे, वो तो खा रहे थे।
बिल्ली ने देख लिया, बोली मैं भी आऊंगी,
ना मौसी ना!
तुम हमे मार डालोगी, पूँछ काट डालोगी,
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जाएंगे।
दो चूहे थे
मैं भी आऊंगी!
ना मौसी ना!
दो चूहे थे,
मोटे-मोटे थे,
छोटे-छोटे थे, वो तो खा रहे थे।
बिल्ली ने देख लिया, बोली मैं भी आऊंगी,
ना मौसी ना!
तुम हमे मार डालोगी, पूँछ काट डालोगी,
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जाएंगे।
शिक्षात्मक गतिविधियाँ
अभिनय करें
बच्चों से कविता के पात्रों का अभिनय करवाएँ, जिसमें कुछ बच्चे चूहे और एक बच्चा बिल्ली बन सकता है। इससे संवाद कौशल और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
कठपुतली बनाएं
चूहे और बिल्ली की कठपुतलियाँ बनाकर कविता का मंचन करें। इससे बच्चों में हस्तकला और रचनात्मकता का विकास होगा।
चर्चा करें
बच्चों से चर्चा करें कि चूहे बिल्ली से क्यों डरते हैं और क्या हमें भी किसी से डर लगता है। इससे बच्चे अपनी भावनाओं के बारे में बात करना सीखेंगे।